Alfaaz Shayari in Hindi : दोस्तों शायरी तो आपने कही सारी पढ़ी और लिखी होगी लेकिन आज की शायरी में कुछ स्पेशल होने वाला है क्योंकि इस पोस्ट में हम अल्फाज शायरी इन हिंदी पोस्ट कर रहे हैं जो भी अपने दिल के अल्फाजों को शायरी के जरिए शेयर करना चाहता है तो पेश है अल्फाज शायरी Alfaaz Shayari in Hindi अल्फाज पर हिंदी के यह Shayari आपके प्यार और भावनाओं को व्यक्त करने में आपकी मदद कर सकतें हैं । इनको आप अपने प्रेमी प्रेमिका या सोशल मीडिया में भी शेयर कर सकते हैं ।
Best Alfaaz Shayari in Hindi
सिमट गई मेरी गजल भी चंद अलफाजो में,
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं !

हम अल्फाजो से खेलते रह गए
और वो दिल से खेल के चली गयी !
बहुत शोक था दुसरो को खुश रखने का,
होश तब आया जब खुद को अकेला पाया !
एक उम्र कटी दो अल्फाज में,
एक आस में, एक काश में !
हम अल्फाजो से खेलते रह गए
और वो दिल से खेल के चली गयी !
एहसास अल्फाजों के मोहताज नहीं होते,
फिर क्यों तेरे हर लफ्ज का,
बेसब्री से इंतजार रहता है !
मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझसे,
जिंदगी सारी इस वहम ने ले ली !
अगर पसंद नहीं मेरा साथ तो दूर हो जाओ,
ऐसे हर रोज बिजी होने का बहाना मत बनाओ !
Aalfaaz Shayari
अगर इंतजार ही इश्क है,
तो आखिरी सास भी तेरे हवाले !

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा,
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा !
सभी तारीफ करते हैं मेरे तहरीर की लेकिन,
कभी कोई नहीं सुनता मेरे अल्फाज की सिसकियाँ !
चलो माना कि हमें प्यार,
का इजहार करना नहीं आता,
जज़्बात न समझ सको,
इतने नादान तो तुम भी नहीं !
दोस्त बेशक एक हो लेकिन ऐसा हो,
जो अल्फाज से ज्यादा,
खामोशी को समझें !
अक्सर अल्फाज खामोश हो जाते हैं वहा,
जहा बाते निगाहों से शुरु होती हैं !
एक दूरी बनाए रखनी थी,
सबसे नजदीकियां निभाते हुए !
अल्फाज के दिवाने तो लाखों हैं मेरे,
तलाश तो खामोशी पढने वाले की है !
इश्क में तुम तो सिर्फ रुसवा हुए हो,
मगर हम तो सरेआम तमाशा हो गए !
एक साथ चार कंधे देखकर जहन में आया,
एक ही काफी था गर जीते जी मिला होता !
सिर्फ लफ्ज़ नहीं ये दिलों की कहानी है,
हमारी शायरी ही हमारे प्यार की निशानी है !
Alfaaz Shayari Hindi Main
मेरे दिल से हो या तेरे दिल से हो,
प्यार के अल्फाज निकलने चाहिए !
आगे आने वाला शहर कितना भी पसंदीदा हो,
पीछे छूटने वाला सफर बेचैन कर ही देता है !
अब ये न पूछना की मैं,
अल्फाज कहाँ से लाता हूँ
कुछ चुराता हूँ दर्द दुसरो के,
कुछ अपनी सुनाता हूँ !
वो बदला हुआ कहता है मुझे,
जो पहले जैसा खुद नही रहा अब !
कुछ उसे भी दूरियां पसंद आने लगी थी,
और कुछ मैंने भी वक्त मांगना छोड़ दिया !
बहुत मुश्किल होता हैं ना,
किसी का होकर फिर से खुद का होना !
प्यार के भी अलग ही फसाने हैं,
जो हमारे है नहीं हम उनके ही दीवाने हैं !
कोई तो करता होगा हमसे खामोश मोहब्बत,
हम भी किसी की अधूरी मोहब्बत रहे होंगे !
पंख लगा के उड नहीं सकती चिट्ठी मेरी क्योंकि,
एहसास और अल्फाज दोनों ही बहुत भारी हैं इसमें !
अगर वो अपना है तो उसे पराया ना कर,
मना ले उसे वक्त जाया ना कर !
अल्फाज शायरी
तेरे बगैर अधूरी है शायरी मेरी,
तेरी आँखों से चुराकर मैं अल्फाज लिखता हूँ !
वक्त यूं रेत की तरह फिसलता रहा,
कोई मिलता रहा तो कोई बिछडता रहा !
फासला दिल से ना हो बस यही दुआ करना,
कभी यादों में तो कभी ख्वाबों में मिला करना !
बड़े महंगे पड़े मेरे रिश्ते मुझ पर,
अपना अपना कहकर मेरी जिंदगी ले गए !
दर्द भी मिटा नही तकलीफ भी रह गयी,
पता नही आंसुओं के साथ क्या-क्या ले गयी !
अब कोशिश इतनी है की,
अब किसी से लगाव ना हो !
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए
तू आज भी बेखबर है कल की तरह !
अब कितने इशारे करूं यार,
तुम खुद ही समझ जाओ ना मेरे प्यार को !
दिल आग में रखकर जला दीजिये,
लेकिन गलती से भी मोहब्बत ना कीजिये !
बात ये है कि लोग बदल गए हैं,
ज़ुल्म ये है कि मानते भी नहीं !
घमंड में भी खतम हो जाते है रिश्ते,
कसूर अक्सर गलतियों का नहीं होता !
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