दोस्तों हर इंसान की जिंदगी में कभी न कभी कोई ऐसी भी मजबूरी आती है जिसे वह किसी को नही बता सकता ऐसे में कही लोग ऐसे होते है जो उस इंसान की मजबूरी का फायदा उठाते हैं और कही लोग ऐसे भी होते हैं जो उस इंसान की मदत भी करते हैं ।
दोस्तों कभी किसी इंसान की मजबूरी का फायदा नही उठाना चाहे । इस पोस्ट में हम आपके लिए बहुत सारी Majburi Shayari in Hindi आदि लेके आये हैं उम्मीद है आपको यह मज़बूरी शायरी पसंद आयेंगे पसंद आये तो शेयर जरुर करें अपने दोस्तों और सोशल मिडिया पर ।
Majburi Shayari with Images
किसी की मजबूरी का मजाक ना बनाओ दोस्तों !
जिन्दगी कभी मौका देती है ।
तो कभी धोखा भी देती है !
किसी की मजबूरी कोई समझता नहीं !
दिल टूटे तो दर्द होता है, मगर कोई कहता नहीं !
“मजबूरी में जब कोई जुदा होता है,
जरूरी नहीं की वो बेवफा होता है,
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है !
ऐसा नही है की वक्त ने मौका नहीं दिया,
हम आगे बढ़ सकते थे,
पर तूने मजबूर किया !
क्या गिला करें तेरी मजबूरियों का हम,
तू भी इंसान है कोई खुदा नहीं,
मेरा वक़्त जो होता मेरे मुनासिब,
मजबूरिओं को बेच कर तेरा,
दिल खरीद लेता ।
“होगी कोई मजबूरी उसकी भी,
जो बिन बताएं चला गया,
वापस भी आया तो किसी
और का होकर आया !
उसे चाहना हमारी कमजोरी है !
वो क्यू न समझते हैं हमारी खामोशी को ।
उन से कह न पाना हमारी मजबूरी है !
थके लोगों को मजबूरी में चलते देख लेता हूँ!
मैं बस की खिड़कियों से ये तमाशे देख लेता हूँ😒
Insan ki Majburi Shayari
“आप दिल से यूँ पुकारा ना करो !
हमको यूँ प्यार से इशारा ना करो,
हम दूर हैं आपसे ये मजबूरी है हमारी,
आप तन्हाइयों मे यूँ रुलाया ना करो !
हरा सकती है ! डरा सकती है!
वो मजबूरी है साहब !
वो इंसान से कुछ भी करा सकती है।
बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है ,
रहते रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं ।
पढ़ने की उम्र में उसने बच्चे से मजदूरी कराई थी,
वह मजदूरी नही साहब मजबूरी थी।
Majboori Par Shayari
आपने मजबूर कर दिया,
जाने क्यों खुद से दूर कर दिया,
अब भी यही सवाल है दिल में,
हमने क्या ऐसा कसूर कर दिया ।
ऐसी भी क्या मजबूरी आ गई थी जनाब ।
की आपने हमारी चाहत का कर्ज धोका दे कर चुकाया !
“किसी की अच्छाई का इतना भी फायदा मत उठाओ !
कि वो बुरा बनने के लिए मजबूर हो जाये ।
किसी की मजबूरी शायरी
” बहाना कोई तो दे ऐ जिंदगी !
की जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ ।
वो हमेशा बात बनाती क्यों थी,
मेरी झुठी कसम खाती क्यों थी,
मजबूरियों का बहाना बना कर
मुझ से दामन छुड़ाती क्यों थी !
कई लोग तो बस दिखाते हैं अमीरी,
समझते नहीं हैं दूसरों की मजबूरी ।
मजबूर इस दिल की धड़कन
तुम सुनने की कोशिश तो करते,
जा रहा हूं दूर तुम्हारी जिंदगी से
मुझे रोकने का दिखावा तो करते।
“मैं बोलता हूँ तो इल्जाम है बगावत का,
मैं चुप रहूँ तो बड़ी बेबसी सी होती है ।
कितने मजबूर हैं हम प्यार के हाथों,
ना तुझे पाने की औकात,
ना तुझे खोने का हौसला !
मजबूरी शायरी इन हिंदी
नहीं कर सकता तुम्हारी सारी इच्छाएं पूरी,
जरा समझा करो तुम मेरी मजबुरी !
अपने टूटे हुए सपनों को बहुत जोड़ा,
वक्त और हालत ने मुझे बहुत तोड़ा,
बेरोजगारी इतने दिन तक साथ रही की,
मजबूरी में हमने शहर छोड़ा !
हमने खुदा से बोला वो छोड़ के चले गये !
न जाने उनकी क्या मजबूरी थी !
खुदा ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं !
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी ।
मजबूरी हैं सांसों की जो चल रही है,
वरना जिंदगी तो कब की थम गई हैं !
“मजबूरियॉ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आज कल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशों में भीगनें का।
क्या गिला करें तेरी मजबूरियों का हम,
तू भी इंसान है कोई खुदा तो नहीं,
मेरा वक्त जो होता मेरे मुनासिब,
मजबूरियों को बेच कर तेरा दिल खरीद लेता !
किसी गिरे इन्सान को उठाने आये या ना आये,
ये जमाने वाले मजबुरी में पड़े इंसान का फायदा,
उठाने जरुर आयेंगे !
Majboori Shayari Hindi
जीने की चाह थी पर मजबूर थे कितने,
तलाश थी हमें तुम्हारी पर तुम दूर थे कितने ।
किसी की अच्छाई का इतना फायदा न उठायें,
कि वो बुरा बनने के लिए मजबूर हो जाए ।
तुम बेवफा नहीं ये तो धड़कने भी कहती हैं,
अपनी मजबूरी का एक पैगाम तो भेज देते !
मोहब्बत किस को कहते हैं,
मोहब्बत कैसी होती हैं,
तेरा मजबूर कर देना,
मेरा मजबूर हो जाना ।
Majburi Shayari
तुम बेवफा नहीं थे ये मैं भी जान गया होता
कभी तुमने अपनी मजबूरी बताई तो होती ।
ये न समझ के मैं भूल गया हूँ तुझे,
तेरी खुशबू मेरी सांसो में आज भी है,
मजबूरी ने निभाने न दी मोहब्बत,
सच्चाई तो मेरी वफा में आज भी है !
गरीब अक्सर तबियत का बहाना बनाकर,
मजबूरियाँ छुपा जाते हैं !
इस सारे जहाँन में एक लड़की पसंद आयी,
और वो भी न मिली तो तकलीफ तो होगी न !
दोनों का मिलना मुश्किल है,
दोनों हैं मजबूर बहुत,
उस के पाँव में मेहंदी लगी है,
और मेरे पाँव में छाले हैं ।
हर मरीज का इलाज मिलता था उस बाजार में,
मोहब्बत का नाम लिया दवाखाने बन्द हो गये !
कभी गम तो कभी खुशी देखी,
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी,
उनकी नाराजगी को हम क्या समझें,
हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी !
Majburi status in Hindi
क्यूँ करते हो वफा का सौदा,
अपनी मजबूरिओं के नाम पर,
मैं तो अब भी वो ही हूँ,
जो तेरे लिए जमाने से लड़ा था ।
इधर से भी है सिवा कुछ उधर की मजबूरी,
कि हम ने आह तो की उन से आह भी न हुई !
फिर यूँ हुआ कि जब भी जरुरत पड़ी मुझे,
हर शख्स इत्तफाक से मजबूर हो गया !
मेरे दिल की मजबूरी को कोई इल्जाम न दे,
मुझे याद रख बेशक मेरा नाम न ले,
तेरा वहम है कि मैंने भुला दिया तुझे,
मेरी एक भी साँस ऐसी नहीं जो तेरा नाम न ले ।
हालात से मजबूर शायरी
हालात शिखात है लोगो की बातें सुनना और सहन करना,
वरना सब अपने स्वभाव से राजा ही होते हैं ।
क्या बयान करें तेरी मासूमियत को शायरी में हम,
तू लाख गुनाह कर ले सजा तुझको नहीं मिलनी !
ब बदलने की आदत होती है किसी की,
फिर मजबूरियां रखनी होती है भूलने की !
हम तुम में कल दूरी भी हो सकती है !
वज्ह कोई मजबूरी भी हो सकती है !
चाँद की चांदनी आँखों में उतर आयी,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई !
तुम बेवफा नहीं ये तो धड़कने भी कहती हैं,
अपनी मजबूरी का एक पैगाम तो भेज देते !
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