Gulzar Shayari in Hindi | गुलजार साहब की शायरी

Gulzar Shayari in Hindi : सम्पूर्ण सिंह कालरा उर्फ़ गुलजार का जन्म 18 अगस्त 1936 में दीना, झेलम जिला, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था, जोकि अब पाकिस्तान में है। गुलजार अपने पिता की दूसरी पत्नी की इकलौती संतान हैं। उनके पिता का नाम माखन सिंह कालरा और माँ का नाम सुजान कौर था । गुलजार भारतीय गीतकार,कवि, पटकथा लेखक, फिल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। गुलजार को हिंदी सिनेमा के लिए कई प्रसिद्ध अवार्ड्स से भी नवाजा जा चुका है। गुलजार साहब एक जाने माने शायर हैं इनकी शायरी के जाने कितने दीवाने हैं लोग इसी लिए आज की पोस्ट में हम आपके लिए Gulzar Shayari in Hindi लाये हैं जो आप लोगो को बहुत पसंद आने वाली हैं ।

Gulzar Shayari

मंजिल भी उसकी थी रास्ता भी उसका था,
एक हम अकेले थे काफिला भी उसका था !

Gulzar Shayari Hindi

 

वो एक मुकम्मल गजल है,
टूटा हुआ मैं हर्फ हूँ
उसमे भरी नूरानीयत,
और मैं जरा कमज़र्फ हूँ !

 

ऐसा कोई जिंदगी से वादा तो नही था,
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था !

Gulzar ki Shayari

 

बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,
अधूरी हो सकती है मगर खत्म नहीं !

 

जागना भी कबूल है तेरी यादों में रातभर,
तेरे अहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ !

Gulzar Shayari

 

वो शख्स जो कभी मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी,
नही होने दिया !

 

कोई समझे तो,
एक बात कहूँ साहब,
तनहाई सौ गुना बेहतर है,
मतलबी लोगों से !

Gulzar Shayari in Hindi

 

एक बीते हुए रिश्ते की,
एक बीती घड़ी से लगते हो,
तुम भी अब अजनबी से लगते हो !

Gulzar ki Shayari in Hindi

तेरी मुस्कुराहट भी इस कदर कमाल करती है,
बेजार मन को भी गुलजार करती है !

Shayari Gulzar

 

तुमने तो कहा था हर शाम,
हाल पूछेंगे तुम्हारा तुम बदल,
गए हो या तुम्हारे शहर में,
शाम नहीं होती !

 

उम्र तो है मुट्ठी में फिसलती रेत सी,
पकड़ा इसे किसने भला,
जियो जो हर पल इसे भरपूर,
तो फिर जिंदगी गुलजार है !

Gulzar ki Shayari in Hindi

 

वो चेहरे जो रौशन हैं लौ की तरह,
उन्हें ढूंढने की जरूरत नही,
मेरी आँख में झाँक कर देख लो,
तुम्हें आइने की जरूरत नही !

 

इन उम्र से लम्बी सड़कों को,
मंजिल पे पहुँचते देखा नहीं,
बस दौड़ती फिरती रहती है,
हमने तो ठहरते देखा नहीं !

Gulzar Shayari in Hindi

 

लोग कहते है की खुश रहो,
मगर मजाल है की रहने दे !

 

जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है,
मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है !

Gulzar Shayari in Hindi

 

मोहब्बत आपनी जगह,
नफरत अपनी जगह,
मुझे दोनो है तुमसे !

 

बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती !

 

तुम शोर करते हो,
सुर्खियों में आने के लिए
हमारी तो खामोशियां अखबार बनी हुई हैं !

गुलजार साहब की शायरी

आप के बाद हर घड़ी हम ने,
आप के साथ ही गुजारी है !

 

हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोड़ा करते !

 

लिखा नहीं जो किस्मत में,
उसकी चाहत क्या करना,
ये तो एक दिन होना था,
हिज्र पे हैरत क्या करना !

 

पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना पिंघल रही होगी !

 

तन्हाई अच्छी लगती है,
सवाल तो बहुत करती पर,
जवाब के लिए जिद्द नहीं करती !

 

तुम्हे जो याद करता हुँ मैं दुनिया भूल जाता हूँ
तेरी चाहत में अक्सर सभँलना भूल जाता हूँ !

 

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं !

 

वक्त कटता भी नही,
वक्त रुकता भी नही,
दिल है सजदे में मगर,
इश्क झुकता भी नही !

 

कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते,
एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें !

 

फुर्सत मिले तो कभी बैठकर सोचना,
तुम ही मेरे अपने हो या हम भी सिर्फ तुम्हारे हैं !

 

कोई आहट नही बदन की कहीं,
फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं,
वक्त जाता सुनाई देता है,
तेरा साया दिखाई देता है !

 

जिंदगी ने सवाल बदल दिए
समय ने हालत बदल दिए
हम तो वही है यारों पर लोगो,
ने अपने ख्याल बदल दिए !

 

रिश्तों की अहमियत समझा करो जनाब,
इन्हे जताया नहीं निभाया जाता है !

Gulzar Sahab Shayari

शायर बनना बहुत आसान है,
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए !

 

बहुत करीब से देखा,
है मैने तुम्हें दूर जाते हुए !

 

माना कि बदलते वक्त के साथ,
रिश्ते हाथ से छूट कर चले जा रहे हैं,
लेकिन कभी वक्त की डालियों से,
सुनहरे पलों को यूं तोड़ा नहीं करते !

 

शोर की तो एक उम्र होती है,
खामोशी सदाबहार होती है !

 

जिन दिनों आप रहते थे,
आंख में धूप रहती थी,
अब तो जाले ही जाले हैं,
ये भी जाने ही वाले हैं !

 

सारे परिंदे उसके हो गए
पैरों में मेरे जमीन भी नहीं,
उसका सितारों में घर है एक
मेरा तो पिंजरे का नसीब भी नहीं !

 

जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
काफिला साथ और सफर तन्हा !

 

खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो,
एक खामोश-सा जवाब तो है !

 

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतिजार किया !

 

दर्द हल्का है साँस भारी है,
जिए जाने की रस्म जारी है !

 

सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं !

 

वो चीज जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख के कहीं !

 

मिलता तो बहुत कुछ है इस जिन्दगी में,
​बस हम गिनती उसी की करते हैं,
जो हासिल ना हो सका !

 

यहां हर किसी को दरारों में झांकने की आदत है,
दरवाजे खोल दो कोई पूछने भी नहीं आएगा !

 

कैसा लगा दोस्तों आपको हमारा यह Gulzar Shayari in Hindi पोस्ट उम्मीद करते हैं आपको यह शायरी पोस्ट पसंद आई होगी यदि आपको पसंद आये तो अपने दोस्तों को भी शेयर जरुर करें । (धन्यवाद)

1 COMMENT

  1. शायर बनना बहुत आसान है,

    बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए !

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