Rahat Indori Shayari in Hindi | राहत इंदौरी शायरी

राहत इंदौरी जी उर्दू जगत के महान शायरों में से एक शायर हैं एवं हिंदी फिल्मों के जाने माने गीतकार हैं। इनका जन्म 1 जनवरी 1950 में इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था । इसी लिए इनको लोग राहत इंदौरी नाम से जानते हैं इनके लिखे शायरी बहुत ही फेमस हैं । इसी लिए आज हम Rahat Indori Shayari in Hindi लाये हैं जो आप लोगों को बहुत पसंद आने वाले हैं ।

Best Rahat Indori Shayari

हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते !

Rahat Indori Shayari Status

 

सिर्फ एक दिल ही है जो बिना,
आराम किये सालों काम करता है,
इसे हमेशा खुश रखिये ,
चाहे ये आपका हो या आपके अपनों का !

 

मेरे चेहरे पे कफ़न ना डालो,
मुझे आदत है मुस्कुराने की,
मेरी लाश को ना दफ़नाओ,
मुझे उम्मीद है उस के आने की !

Rahat Indori Shayari in Hindi

 

उमीदे टूटी तो उमीद करना छोड़ दिया,
सपने टूटे तो सपने देखना छोड़ दिया,
जबसे दिल टूटा है, साँसे तो ले रहे है,
पर अब उन्होंने जीना छोड़ दिया !

 

विश्वास बन के लोग ज़िन्दगी में आते है,
ख्वाब बन के आँखों में समा जाते है,
पहले यकीन दिलाते है की वो हमारे है,
फिर न जाने क्यों बदल जाते है !

Rahat Indori Shayari

 

दोस्ती जब किसी से की जाए,
तो दुश्मनों की भी राय ली जाए !

 

हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते है,
मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिन्दुस्तान कहते हैं,
जो ये दीवार का सुराख है साज़िश है लोगों की,
मगर हम इसको अपने घर का रोशनदान कहते हैं !

 

आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो !

राहत इंदौरी शायरी

कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग,
हमको तो जीने की भी उम्मीद नहीं !

Rahat Indori Shayari

 

ये दुनिया है इधर जाने का नहीं,
मेरे बेटे किसी से इश्क कर,
मगर हद से गुजर जाने का नहीं ।

 

न हम-सफर न किसी हम नशीं से निकलेगा,
हमारे पाँव का काँटा है हमीं से निकलेगा !

Rahat Indori Shayari

 

सूरज सितारे चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें !

 

सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें,
शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें !

 

राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें
रास्ते आवाज देते हैं सफर जारी रखो !

Rahat Indori Shayari Image

 

गाज़ाब का प्यार था उस की उदास आँखों में,
गुमान तक ना हुवा की वो बिछड़ने वाली है !

 

बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ !

Rahat Indori Shayari in Hindi

ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे
जो हो परदेस में वो किससे रजाई मांगे !

Rahat Indori Shayari in Hindi Image

 

फूंक डालुंगा मैं किसी रोज दिल की दुनिया,
ये तेरा खत तो नहीं है जो जला ना सकूं !

 

हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते !

Rahat Indori Shayari in Hindi

 

यहां दरिया पे पाबंदी नहीं है,
मगर पहरे लबों पे लग रहे है !

 

मजा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को,
समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूँगा उसे !!

 

हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते !

 

अब तो हर गली का पत्थर हमें पहचानता
हैं उम्र गुजरी हैं तेरे शहर में आते जाते !!

 

हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते-जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते !

 

फूलों की दुकानें खोलो खुशबू का व्यापार करो,
इश्क खता है तो ये खता एक बार नहीं सौ बार करो !

 

चुरा लो अभी हर हसीन लम्हा जिंदगी से,
फिर जिम्मेदारियां मोहलत नही देंगी !

 

मोहब्बत आपके दिल से हो गई एक
राहत थी अब खुदा की रहमत हो गई !

 

मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को,
समझ रही थी की ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे !

Rahat Indori Ki Shayari

लवे दीयों की हवा में उछालते रहना,
गुलो के रंग पे तेजाब डालते रहना,
में नूर बन के जमाने में फ़ैल जाऊँगा,
तुम आफताब में कीड़े निकालते रहना !

 

मुझे माफ कर देना ऐ खुदा,
कुछ लोग मुझसे माफ नहीं होंग !

 

किसी को खोकर भी,
सिर्फ उसी को चाहते रहना,
हर किसी के बस की बात नहीं !

 

एक ही नदी के है यह दो किनारे दोस्तो,
दोस्ताना जिन्दगी से मौत से यारी रखो !

 

सबको रुस्वा बारी बारी किया करो,
हर मौषम में फतवे जारी किया करो,
रोज वही कोशिस जिन्दा रहने की,
मरने की भी कुछ तैयारी किया करो !

 

ख्याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर,
जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे !

 

भूखे बुज़दिल शेर सजाकर पिंजरों में,
एक सर्कस इस शहर में अक्सर आता है,
टूट रही है मुझमें हर दिन एक मस्जिद
इस बस्ती में रोज दिसंबर आता है !

 

सूरज सितारे चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें !

 

ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे,
जो हो परदेस में वो किससे रजाई मांगे !

 

सूरज सितारे चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें,
शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें !

 

वैसे इस खत में कोई बात नहीं है,
फिर भी एहतियातन इसे पड़लो तो जला भी देना !

 

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