Mausam Shayari in Hindi : दोस्तों हम सभी को कोई न कोई मौसम पसंद रहता है जैसे किसी को सर्दी का मौसम किसी को गर्मी का मौसम तो किसी को बारिश का मौसम सबकी अपनी अपनी पसंद होती है । इसी लिए हर किसी को अपने मौसम का बेसब्री से इंतजार रहता है जो उनको पसंद रहता है ताकि हम उस मौसम का मजा ले सके हमें घुमने का मौका मिले अपने दोस्तों, परिवार गर्केलफ्रेंड के साथ इन्ही बदलते मौसमो को देखते हुए शायरों ने कुछ बेहद खुबसूरत शायरी लिखी है जो हम आप लोगो तक पहुचाने का काम करते हैं हम उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा लिखी गयी यह (मौसम शायरी ) Mausam Shayari in Hindi बहुत पसंद आने वाली हैं ।
Best Mausam Shayari
दूर जाकर भी मुझे तुम कितना सताते हो,
इस सर्द मौसम में तुम बहुत याद आते हो !

काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी,
जिंदगी से कि मैं बारिश में भी रोऊँ और,
वो मेरे आँसू पढ़ ले !
जब तुम यूँ मुस्कुराते हुए आते हो,
तो संग मौसम बाहर का लाते हो !
रुका हुआ है अजब धुप छाँव का मौसम,
गुजर रहा है कोई दिल से बादलों की तरह !
बरसती बारिशों से बस इतना ही कहना है,
के इस तरह का मौसम मेरे अंदर भी रहता है !
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना,
लगे मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे !
इस हसीं शाम ने मौसम बना रखा है,
वैसे पीता तो नहीं पर फिर भी,
नशा पूरा चढ़ा रखा है !
गर्मी वाले मौसमी मज़े,
ठंडे पानी से नहाने का मजा,
ठंडी कुल्फी को खाने का मजा,
निम्बू पानी को बनाने का मजा,
भरी गर्मी में बत्ती जाने का मजा !
New Mausam Shayari in Hindi
जिसे भीगने का डर होता है,
वो बारिश का मजा कहाँ ले पाता है,
जिसे बिछड़ने का डर होता है,
वो सच्चा इश्क़ कहाँ कर पाता है !

टूटे दिल से मत पूछों कौन-सा मौसम अच्छा लगता है,
जब वो साथ होता है तो हर मौसम अच्छा लगता है !
मौसम का रुख बदल रहा है,
मेरा मन मचल रहा है,
कहता है मेहबूब से मिल ले,
अब दिल नहीं संभल रहा है !
मिरी धूप में आने से पहले,
कभी देखे थे मौसम ऐसे !
सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ
उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ !
विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,
मौसम तो इंसान के अंदर होता है !
मौसम का मिजाज समझ में नही आता है,
यह भी इंसानों की तरह बेवफा हो जाता है !
मौसम बदलता है तुम भी बदल गये,
ये नये जमाने का इश्क है हम भी बदल गये !
इश्क में सुहाना लगता है हर मौसम,
हर मौसम टूटे दिल को देता है सिर्फ गम !
क्या भरोसा बदलते मौसम का,
रंग कल कुछ था आज और है कुछ !
बरस रहा है बादल बेमौसम,
तड़प रहा है यह दिल बेवजह !
बालकनी से बाहर आकर कर देखो,
ये जानेजाना। मौसम तुम से मेरे दिल,
की बात कहने आया है !
मौसम पर शायरी
बलखाने दे अपनी जुल्फों को हवाओं में,
जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर !
इस तरह भिगे हम तेरे लिए बारिश में,
क्योकि बरसात के मौसम में भी तेरा अहसास है !
कुछ तो हवा भी सर्द थी,
कुछ था तेरा ख्याल भी,
दिल को खुशी के साथ साथ,
होता रहा मलाल भी !
मौसम की मिसाल दूँ या नाम लूँ तुम्हारा,
कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं !
कोई रंग नही होता बारिश के पानी में,
फिर भी फिजा को रंगीन बना देता है !
हर किसी के जीवन में एक ऐसा वक्त आता है,
जिसे दिल से चाहों वो मौसम की तरह बदल जाता है !
अरे इतना भी मत सताओ,
मौसम सुहाना है,
थोड़े नखरे कम करो,
दूर क्यूँ हो थोड़ा पास आ जाओ !
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था,
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !
इस तरह भिगे हम तेरे लिए बारिश में,
क्योकि बरसात के मौसम में भी तेरा,
अहसास है !
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा,
ख्याल भी दिल को खुशी के,
साथ साथ होता रहा मलाल भी !
सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ,
उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ !
अभी तो खुश्क़ है मौसम,
बारिश हो तो सोचेंगे हमें अपने अरमानों को,
किस मिट्टी में बोना है !
अजब सी हालत है तेरे जाने के बाद,
मुझे भूख लगती नहीं खाना खाने के बाद,
मेरे पास दो ही समोसे थे जो मैंने खा लिए
एक तेरे आने से पहले एक तेरे जाने के बाद !
मौसम का कुछ ऐसा खुमार है,
मन करता चीख कर कह दूँ
हमको तुमसे बहुत प्यार है !
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जैसे की आपने उपर दी गयी शायरी को पढा होगा हमने मौसम पर बेहद खुबसूरत शायरी लिखी हैं जो आप लोगो को बहुत पसंद आई होंगी यदि आपको हमारी यह शायरी पसंद आये हो तो निचे कमेंट में जरुर अपनी राय दें ।